लोग आज-कल सिर्फ बड़े खर्चों के लिए ही नहीं बल्कि अपनी छोटी से छोटी रोज़मर्रा की ज़रूरतों को पूरा करने के लिए भी लोन लेने लगे हैं। जिससे एक समय में वे कई लोन के बोझ तले दब जाते हैं। कर्ज का ये बोझ तब और बढ़ जाता है जब कुछ लोन या क्रेडिट कार्ड की ब्याज दरें अधिक होती है। अगर आप भी कर्ज के इस जाल में फंस गए हैं और बाहर निकलना चाहते हैं तो आपके लिए डेट कंसोलिडेशन अच्छा विकल्प हो सकता है। डेट कंसोलिडेशन में आप कई लोन या क्रेडिट कार्ड बिल भुगतान के लिए कम ब्याज दर वाला एक नया लोन लेते हैं। मार्केट में लोन के कई सारे विकल्प होने के बावजूद डेट कंसोलिडेशन के लिए पर्सनल लोन ही बेहतर माना जाता है चलिए जानते हैं, क्यों:
ब्याज में बचत करने में मददगार
पर्सनल लोन की ब्याज दरें सिक्योर्ड लोन जैसे लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी आदि की तुलना में अधिक होती है। लेकिन फिर भी पर्सनल लोन की ब्याज दरें क्रेडिट कार्ड पर लगने वाले फाइनेंस चार्जेस की तुलना में कम ही होती है। जहां पर्सनल लोन की ब्याज दरें 10.49% प्रति वर्ष से शुरू होती है वहीं क्रेडिट कार्ड फाइनेंस चार्जेस 40% प्रति वर्ष या इससे अधिक भी हो सकता है। ऐसे में इन कर्जों का भुगतान पर्सनल लोन लेकर करने से आप ओवरऑल ब्याज में काफी बचत कर सकते हैं।
बिना सिक्योरिटी या कोलैटरल के मिलता है लोन
पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड क्रेडिट ऑप्शन है यानी इसे लेने के लिए आपको बैंक में अपनी कोई संपत्ति गिरवी नहीं रखनी होती। जबकि गोल्ड लोन या लोन अगेंस्ट प्रॉपर्टी और लोन अगेंस्ट सिक्योरिटी आदि जैसे सिक्योर्ड लोन लेते वक्त आपको बैंक में अपनी कोई संपत्ति जैसे – प्रॉपर्टी, शेयर्स, बॉन्ड और एफडी आदि गिरवी रखनी होती है। जिसका इस्तेमाल बैंक लोन न चुका पाने की स्थिति में अपने नुकसान की भरपाई के लिए करते हैं। जबकि पर्सनल लोन में आपको अपनी संपत्ति खोने का कोई डर नहीं होता है। हालांकि लोन सेटलमेंट करने से आपके क्रेडिट स्कोर पर नाकारात्मक असर पड़ता है।
जल्दी और आसानी से लोन मिलने की सुविधा
अनसिक्योर्ड होने की वजह से पर्सनल लोन सिक्योर्ड लोन के मुकाबले जल्दी और आसानी से मिल जाता है। सिक्योर्ड लोन में कोलैटरल या सिक्योरिटी को वैरिफाई करने में बैंक को ज़्यादा समय लग जाता है जबकि पर्सनल लोन आवेदक के क्रेडिट स्कोर, जॉब प्रोफाइल, मंथली सैलरी के आधार पर लोन दिया जाता है। इसलिए पर्सनल लोन का प्रोसेसिंग समय सिक्योर्ड लोन के मुकाबले कम होता है।
इसके अलावा बहुत से बैंक और NBFCs अपने मौजूदा कस्टमर्स को उनकी अच्छी प्रोफाइल के आधार पर प्री-अप्रूव्ड पर्सलन लोन भी ऑफर करते हैं। जिसकी ब्याज दरें सामान्य पर्सनल लोन की तुलना में कम होती है और ये जल्दी मिल भी जाता है। आवेदकों को प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर्स चेक करने के साथ ही पैसाबाज़ार जैसी ऑनलाइन फाइनेंशियल मार्केटप्लेस पर जाकर विभिन्न बैंक और NBFCs के पर्सनल लोन ऑफर की तुलना भी करनी चाहिए। जिससे वो अपने लिए बेहतर लोन ऑफर चुन सकते हैं।
अधिक डॉक्यूमेंट्स की आवश्यकता नहीं
सिक्योर्ड लोन लेने के लिए कोलैटरल संबंधी दस्तावेज़ जमा करना अनिवार्य है। लेकिन पर्सनल लोन अनसिक्योर्ड होने की वजह से इसे लेने के लिए अधिक दस्तावेज़ों की ज़रूरत नहीं होती है। पर्सनल लोन लेने के लिए आमतौर पर आईडी प्रूफ (पैन या आधार कार्ड), बैंक स्टेटमेंट, एड्रेस प्रूफ और सैलरी स्लिप जैसे बेसिक डॉक्यूमेंट्स की ज़रूरत होती है। इन दस्तावेज़ों की वैरिफिकेशन होने के बाद आपको पर्सनल लोन मिल जाता है। इसके अलावा कई बैंक अपने मौजूदा कस्टमर्स को उनकी KYC के आधार पर इंस्टेंट या प्री-अप्रूव्ड पर्सनल लोन ऑफर करते हैं। जिसमें लोन राशि आवेदक के खाते में कुछ ही मिनटों में ट्रांसफर कर दी जाती है।